मूल बिन्दु से $t=0$ पर प्रक्षेपित एक प्रक्षेप की स्थिति $t =2 \; s$ पर $\overrightarrow{ r }=(40 \hat{i}+50 \hat{j})\; m$ से दी जाती है। यदि प्रक्षेप क्षैतिज से $\theta$ कोण पर प्रक्षेपित किया गया था, तब $\theta$ है ( $g =10\; ms ^{-2}$ लें).
${\tan ^{ - 1}}\frac{2}{3}$
${\tan ^{ - 1}}\frac{3}{2}$
${\tan ^{ - 1}}\frac{7}{4}$
${\tan ^{ - 1}}\frac{4}{5}$
एक पिण्ड को क्षैतिज से $45^o$ के कोण पर $20$ मीटर/सैकण्ड के वेग से प्रक्षेपित किया जाता है। प्रक्षेप्य पथ का समीकरण $h = Ax - B{x^2}$ है, जहाँ $h$-ऊँचाई, $x-$क्षैतिज दूरी तथा $A$ और $B$ नियतांक है। $A$ और $B$ का अनुपात होगा $(g = 10\,m{s^{ - 2}})$
$R$ त्रिज्या का एक पहिया कीचड़ में फँस गया है और एक ही स्थान पर घूम रहा है। जब पहिया घूम रहा है, आरंभिक चाल $u$ से कीचड़ के छीटि पहिये की परिधि के सभी भागों से छिटक रहे हैं। पहिये के केंद्र से सर्वाधिक ऊंचाई जहां तक कीचड़ का कोई छींटा पहुँच सकता है, वह है
निम्न में से कौनसा ग्राफ किसी प्रक्षेपण की ऊँचाई $(h)$ तथा इसमें लगे समय $(t)$ के बीच के संबंध को व्यक्त करता है, जब प्रक्षेप्य को जमीन से प्रक्षेपित किया जाता हॅै
क्षैतिज से उपर की और $30^{\circ}$ का कोण बनाते हुए एक क्रिकेट गेंद $28\, m s ^{-1}$ की चाल से फेंकी जाती है ।
$(a)$ अधिकतम ऊँचाई की गणना कीजिए
$(b)$ उसी स्तर पर वापस पहुँचने में लगे समय की गणना कीजिए, तथा
$(c)$ फेंकने वाले बिंदु से उस बिंदु की दूरी जहाँ गेंद उसी स्तर पर पहुँची है, की गणना कीजिए
एक कण $R$ त्रिज्या के वृत्त में समान चाल से गति करते हुए एक चक्कर पूरा करने में $\mathrm{T}$ समय लेता है।
यदि यही कण क्षैतिज से उसी चाल से कोण ' $\theta$ ' पर प्रक्षेपित किया जाए, तो $4 \mathrm{R}$ के बराबर अधिकतम ऊँचाई प्राप्त करता है। प्रक्षेपण कोण $'\theta'$ दिया जाता है :